तंत्रकुलपञ्चाङ्ग

तंत्रकुलपञ्चाङ्गकर्ता — आचार्य राजेश बेंजवाल
तंत्रगुरुकुल देहरादून, उत्तराखण्ड
Date and Location

Date: Friday, 2025-9-5

Time: 02:50:00 PM

Location: 30.3165°N, 78.0322°E, 600m (Dehradun)

सम्वत्सर

नाम: सिद्धार्थी

विक्रम सम्वत्: 2082

शक सम्वत्: 1947

कलि सम्वत्: 5126

सम्वत्सर विवरण

विक्रम सम्वत्: 2082

शक सम्वत्: 1947

युधिष्ठिर सम्वत्: 5164 Alpha

परशुराम सम्वत्: 8202 Alpha

कलि सम्वत्: 5126

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा: 2025-03-30

तिथि

उदयकालिक: त्रयोदशी (जया तिथि)

पूर्णता: 7.72%

परिवर्तन:
  • त्रयोदशी → चतुर्दशी 03:13 IST
नक्षत्र

वर्तमान: श्रवण

पाद: 3

परिवर्तन:
  • श्रवण → धनिष्ठा 23:38 IST
योग

उदयकालिक: शोभन

पूर्णता: 64.51%

परिवर्तन:
  • शोभन → अतिगण्ड 13:52 IST
करण

उदयकालिक: कौलव

पूर्णता: 15.44%

परिवर्तन:
  • कौलव → तैतिल 15:46 IST
  • तैतिल → गरज 03:13 IST
चान्द्रमास

अमान्त: भाद्रपद

पूर्णिमान्त: भाद्रपद

पक्ष: शुक्ल

सौरमास

राशि: सिंह

मास: श्रावण (गढ़वाली: सौण ) Alpha

गति: 19 प्रविष्टे

उदय एवं अस्त समय
☉ सूर्य

उदय: 05:57 IST

अस्त: 18:36 IST

मध्य पारगमन: 12:17 IST

☽ चन्द्र

उदय: 16:37 IST

अस्त: 03:02 IST

मध्य पारगमन: 21:47 IST

संक्रांति विवरण

वर्तमान राशि: सिंह

ऋतु: वर्षा

अयन: दक्षिणायने

राशि में स्थिति: 18.86° (11.14° to next)

राशि प्रवेश: 2025-08-17

वर्तमान राशि में दिन: 19 दिन

अगली राशि: कन्या

अगली संक्रांति: 2025-09-17

मुहूर्त योगादि विवरण
दिन-रात्रि मान
दिनमान: 31.62 घटी रात्रिमान: 28.38 घटी
अग्निचक्र

🪐 शनि - अग्निचक्र शनि में होने से यज्ञादि कर्म पीडादायक

अग्निवास
पाताल
10:51 IST(2025-09-04) - 05:57 IST(2025-09-05)
पृथ्वी
05:57 IST(2025-09-05) - 03:13 IST
आकाश
03:13 IST(2025-09-05) - 05:57 IST(2025-09-06)
शिव वास

🐂 वृषारूढ़ - अभीष्ट सिद्धि

अशुभ काल
राहुकाल: 10:41 IST - 12:16 IST गुलिककाल: 09:06 IST - 10:41 IST यमकण्टक: 15:26 IST - 17:01 IST
क्रकचादि योग
कोई योग नहीं
सर्वार्थसिद्धि योग
आरंभ: 05:57 IST on 2025-09-05
समाप्ति: 23:38 IST on 2025-09-05
रवि योग विवरणBeta
आरंभ: 23:38 IST 2025-09-05
समाप्ति: 05:57 IST 2025-09-06
अमृतसिद्धि योग
अमृतसिद्धि योग नहीं है
शुभ मुहूर्त/काल विवरण
ब्रह्ममुहूर्त
04:26 IST - 05:11 IST (45 minutes)
गोधूली वेला
05:45 IST - 06:09 IST (24 मिनट)
अभिजितमुहूर्त
11:51 IST - 12:41 IST (51 minutes)
दिन-रात्रि प्रहर
दिन:
पूर्वाह्न: 05:57 IST-09:06 IST
मध्याह्न: 09:06 IST-12:16 IST
अपराह्न: 12:16 IST-15:26 IST
सांयकाल: 15:26 IST-18:36 IST
रात्रि:
प्रदोष: 18:36 IST-21:26 IST
निशीथ: 21:26 IST-00:16 IST
त्रियामा: 00:16 IST-03:06 IST
उषा: 03:06 IST-05:57 IST
ग्रह उदय-अस्त
शुक्र:
Asta: 2025-11-30 (8.9°)
Uday: 2026-02-13 (9.12°)
बृहस्पति:
Asta: 2026-07-14 (10.82°)
Uday: 2026-08-13 (11.25°)
भद्रा विचार
❌ भद्रा नहीं है।

ग्रह स्थिति

ग्रह स्थिति
ग्रह राशि स्थिति नक्षत्र गति वेग समय (IST) अवस्था उदय/अस्त
⌂ लग्न धनु 13° 35' 31" पूर्वाषाढा पाद 1 - - - - -
☉ सूर्य सिंह 18° 51' 45" पूर्व फाल्गुनी पाद 2 मार्गी 0.9598° 05:57 IST
18:36 IST
12:17 IST
वृद्ध उदय
☽ चन्द्र मकर 18° 23' 11" श्रवण पाद 3 मार्गी 13.4332° 16:37 IST
03:02 IST
21:47 IST
कुमार उदय
☿ बुध सिंह 11° 14' 30" मघा पाद 4 मार्गी 1.9320° 05:25 IST
18:20 IST
11:50 IST
कुमार अस्त
♀ शुक्र कर्क 18° 37' 20" आश्लेषा पाद 1 मार्गी 1.2026° 03:37 IST
17:05 IST
10:20 IST
कुमार उदय
♂ मंगल कन्या 24° 33' 23" चित्रा पाद 1 मार्गी 0.6483° 08:43 IST
20:14 IST
14:29 IST
बाल उदय
♃ बृहस्पति मिथुन 24° 25' 42" पुनर्वसु पाद 2 मार्गी 0.1725° 01:40 IST
15:37 IST
08:40 IST
मृत उदय
♄ शनि मीन 5° 29' 42" उत्तर भाद्रपद पाद 1 🔄 वक्र गति -0.0710° 19:24 IST
07:20 IST
01:20 IST
मृत उदय
☊ राहु कुम्भ 24° 10' 52" पूर्व भाद्रपद पाद 2 🔄 वक्र गति -0.0530° - - -
☋ केतु सिंह 24° 10' 52" पूर्व फाल्गुनी पाद 4 🔄 वक्र गति -0.0530° - - -

📜 दैनिक मुहूर्त (दिन) 📜

🔢 # 📛 नाम 🕉️ प्रकार 🕰️ आरंभ ⏳ समाप्ति ⏱️ अवधि
1 रुद्र अशुभ 05:57 IST 06:47 IST 51 minutes
2 अहि अशुभ 06:47 IST 07:38 IST 51 minutes
3 मित्र शुभ 07:38 IST 08:28 IST 51 minutes
4 पितृ अशुभ 08:28 IST 09:19 IST 51 minutes
5 वसु शुभ 09:19 IST 10:10 IST 51 minutes
6 वाराह शुभ 10:10 IST 11:00 IST 51 minutes
7 विश्वदेव शुभ 11:00 IST 11:51 IST 51 minutes
8 अभिजित शुभ 11:51 IST 12:41 IST 51 minutes
9 सतमुखी अशुभ 12:41 IST 13:32 IST 51 minutes
10 पुरुहुत अशुभ 13:32 IST 14:23 IST 51 minutes
11 वाहिनी अशुभ 14:23 IST 15:13 IST 51 minutes
12 नैर्ऋति अशुभ 15:13 IST 16:04 IST 51 minutes
13 वरुण शुभ 16:04 IST 16:54 IST 51 minutes
14 अर्यमा शुभ 16:54 IST 17:45 IST 51 minutes
15 भग अशुभ 17:45 IST 18:36 IST 51 minutes

📜 दैनिक मुहूर्त (रात्रि) 📜

🔢 # 📛 नाम 🕉️ प्रकार 🕰️ आरंभ ⏳ समाप्ति ⏱️ अवधि
1 गिरीश अशुभ 18:36 IST 19:21 IST 45 minutes
2 अजपाद अशुभ 19:21 IST 20:06 IST 45 minutes
3 अहिरबुध्न्य शुभ 20:06 IST 20:52 IST 45 minutes
4 पुष्णव शुभ 20:52 IST 21:37 IST 45 minutes
5 अश्विनी शुभ 21:37 IST 22:23 IST 45 minutes
6 यम अशुभ 22:23 IST 23:08 IST 45 minutes
7 अग्नि शुभ 23:08 IST 23:53 IST 45 minutes
8 विधाता शुभ 23:53 IST 00:39 IST 45 minutes
9 कण्ड शुभ 00:39 IST 01:24 IST 45 minutes
10 अदिति शुभ 01:24 IST 02:10 IST 45 minutes
11 अमृत शुभ 02:10 IST 02:55 IST 45 minutes
12 विष्णु शुभ 02:55 IST 03:40 IST 45 minutes
13 अर्क शुभ 03:40 IST 04:26 IST 45 minutes
14 ब्रह्म शुभ 04:26 IST 05:11 IST 45 minutes
15 समुद्र शुभ 05:11 IST 05:57 IST 45 minutes

संकल्प

संकल्प

ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णुः नमः परमात्मने पुरुषोत्तमाय ॐ तत्सत् अद्यैतस्य विष्णोराज्ञया जगत्सृष्टिकर्मणि प्रवर्तमानस्य ब्रह्मणो द्वितीयपरार्द्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे तत्प्रथमचरणे जम्बूद्वीपे भारतवर्षे भरतखण्डे विष्णुप्रजापतिक्षेत्रे क्षेत्रे ....... प्रदेशान्तर्गत ....... जिलान्तर्गत ........... स्थाने बौद्धावतारे सिद्धार्थी नाम संवत्सरे 2082 विक्रमाब्दे 1947 शकाब्दे दक्षिणायने वर्षा ऋतौ भाद्रपदमासे शुक्लपक्षे मकरराशिस्थिते चन्द्रे सिंहराशिस्थिते सूर्ये मिथुनराशिस्थिते देवगुरौ कन्याराशिस्थिते भौमे सिंहराशिस्थिते बुधे कर्कराशिस्थिते शुक्रे मीनराशिस्थिते शनौ कुम्भराशिस्थिते राहौ सिंहराशिस्थिते केतौ सर्वेषु ग्रहेषु यथास्वं राशि स्थितेषु सत्सु एवं ग्रहगण विशिष्टायां शुभ पुण्यतिथौ त्रयोदश्यां तिथौ शुक्रवासरे श्रवण नाम नक्षत्रे शोभन योगे कौलव करणे _______ गोत्रोत्पन्न _______ शर्मा/वर्मा/गुप्तोऽहं ममात्मनः सर्वारिष्टनिरसनपूर्वक सर्वपापक्षयार्थं मनसेप्सितफलप्राप्तिपूर्वक—श्रुतिस्मृतिपुराणोक्तफलप्राप्त्यर्थं दीर्घायुरारोग्यैश्वर्यादिवृद्ध्यर्थं श्रीसाम्बसदाशिवप्रीत्यर्थञ्च लिङ्गोपरि यथोपचारैः श्रीसाम्बसदाशिवपूजनपूर्वकं जलधारया षडङ्गरुद्रेण/रुद्रैकादशिन्या/लघुरुद्रेण रुद्राभिषेकं _______ गोत्रोत्पन्न _______ शर्मणा ब्राह्मणद्वारा कारयिष्ये वा स्वयं कर रहे हों तो अहं ​करिष्ये कहकर हाथका सङ्कल्पजल आदि छोड़ दे।

पुनः हाथमें जल, अक्षत, पुष्प तथा कुश लेकर बोले- तदङ्गत्वेन कार्यस्य निर्विघ्नतया सिद्धयर्थं श्रीसिद्धलक्ष्मीसहितमहागणपतिदेवता प्रीत्यर्थञ्च आदौ श्रीसिद्धलक्ष्मीसहित महागणपतिदेवताया: पूजनं करिष्ये, कहकर हाथका जल आदि छोड़ दे।