क्या दूरश्रवण सम्भव है
दूर श्रवण हेतु दो सम्भावनायें हैं या तो आपका कान ध्वनि तक पहुंचे अथवा ध्वनि आपके कान तक पहुंचे। ध्वनि को आपके कान तक पहुंचने की लिए माध्यम की आवश्यकता होती है। किस माध्यमों में वह कितने दूर तक जा सकती है यह माध्यम पर निर्भर करता है। सामन्यत: एक मनुष्य की आवाज वायु में ध्वनि 1 किमी तक जा सकती है। ध्वनि आयु आदि जो माध्यम है उसके कणों में कम्पन करती हुयी संचारित होती है। जैसे जैसे आगे बढती है, वैसे वैसे ये अपनी उर्जा खोती रही है, विरल होती रहती है, वायु आदि के कणों द्वारा अवशोषित कर ली जाती है। जिससे इसका अस्तित्व कुछ सेकेण्डों का ही रहता है। अत: दूरश्रवण इस ध्वनि का सम्भव नहीं।
यहां एक विशेष बात है ध्वनि जितनी सूक्ष्म होती है, जितनी इसकी फ्रीक्वेन्सी कम होती है उतनी दूर तक यह संचार करती है। यथा मनुष्य की आवाज की फ्रीक्वेन्सी सामन्यत: 85 Hz and 255 Hz के मध्य रहती है। लेकिन एक very low frequencies जिसे हम Infrasound कहते हैं below 20 Hz वह कई हजार किमी तक जा सकती है। हालांकि मनुष्य के कान इसे नहीं सुन सकते। व्हेल इस प्रकार की आवाज निकालती है। यह मनुष्यों के द्वारा तो नहीं सुनी जा सकती किन्तु कुछ जानवर इसे सुन सकते हैं। तो क्या मनुष्य के कान इतने योग्य बनाये जा सकते हैं कि इसे सुन पाये? क्या सिद्धियों के द्वारा यह सम्भव है?